Kisan Andolan:किसानों का आंदोलन फिर से क्यों? जानिए MSP का महत्व, दिल्ली रैली का अर्थ, और अन्य तथ्य।



Kisan Andolan:किसानों की मांग का मुख्य केंद्र MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) है, जो किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम मूल्य देने का वादा करता है। इसका मतलब है कि चाहे बाजार में कितनी भी दर क्यों ना हो, किसान को एक निश्चित मूल्य मिलेगा। यह उन्हें अनिश्चितता से बचाता है और उनकी आर्थिक स्थिति को सुनिश्चित करता है। 

किसानों का कहना MSP के बिना हम पीछे नहीं हटेंगे


किसानों का आंदोलन MSP के लिए है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य मांगें हैं। उन्हें चाहिए कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करे, कृषि ऋण को माफ करे, बिजली की दरों में रियायत मिले, डब्लूटीओ से बाहर निकाला जाए, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले, आयात शुल्क को कम किया जाए, किसानों और कृषि मजदूरों को पेंशन मिले, खिलाफी मुकदमे वापस हों, प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए, फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए, और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को सुधारा जाए। 

Kisan Andolan को लेकर आया बढ़ा अपडेट

मोदी सरकार की चार जातियों में एक जाति क्यों है नाखुश? यह प्रश्न का उत्तर उनकी निरंतर आपत्ति से है। वे अपनी मांगों के पूरे न होने पर नाखुश हैं और उनका आंदोलन जारी है। क्यों सरकार और किसानों के बीच नहीं बन पा रही बात? इसके पीछे कई कारण हैं। किसानों की मुख्य मांग MSP के लिए कानून है, जिसे सरकार नहीं मानना चाहती है। उनके अलावा, फसलों की गुणवत्ता के मानक और खरीद के निर्धारण की समस्या भी है। सरकार इसे संभालने के लिए तैयार नहीं है, जिससे बातचीत निष्फल रह रही है। 

एमएसपी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह किसानों को अनिश्चितता से बचाता है और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है। किसानों और सरकार के बीच की सहमति न होने के कारण किसानों को अपनी मांगों के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है।
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